को नहिं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो
शायद ही भारत का कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहाँ के लोगों को हनुमान चालीसा के बारे में न पता हो। हिंदी में लिखे जाने पर भी हनुमान चालीसा गैर हिंदी भाषी राज्यों में लोकप्रिय है।
हनुमान चालीसा के इतने लोकप्रिय होने पर भी ज्यादातर लोगों को इसके बारे में कम ही जानकारी होती है, यहाँ मैंने ऐसे अनेक सवालों के उत्तर दिए हैं जो कई बार पूछे जाते हैं।
इसमें हनुमान चालीसा के तथ्य भी सम्मिलित हैं-
Q.1- हनुमान चालीसा का मूल स्रोत क्या है?
हनुमान चालीसा श्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने 16वीं शताब्दी में (आज से 500 वर्ष पहले) लिखा था। बलरामपुर जिले के तुलसीपुर तहसील के पाटन मंदिर में आज भी इसकी पान्डु लिपि सुरक्षित रखी हुई है।
कुछ लोकोक्तियों के अनुसार जब वे ६३ वर्ष के थे, तब अकबर ने उन्हें जेल में डाल दिया था, जेल में रहकर ही उन्होंने इस चालीसा की रचना की थी।
कहते हैं कि जैसे ही चालीसा की रचना पूरी हुई फतेहपुर सीकरी में बंदरों की फ़ौज ने अकबर के यहाँ उत्पात मचा दिया, जब गोस्वामी जी को छोड़ा गया तो बंदर वापस चले गये।
Q.2- हनुमान चालीसा में राम जी का नाम कितनी बार आया है?
सम्पूर्ण चौपाइयों में 11 बार 'राम', 2 बार 'रघुबीर', 1 बार 'श्रीपति', 1 बार 'रघुपति' और 1 बार 'प्रभु', 1 बार 'रघुवर' नाम से और आखिरी दोहा में 1 बार 'राम', 1 बार 'रघुवर' शब्दों से श्री राम का नाम आया है।
Q.3- हनुमान जी हाथों में क्या धारण करते हैं?
हनुमान चालीसा के अनुसार श्री हनुमान अपने हाथों में वज्र और श्री राम की ध्वजा (झंडा) धारण करते हैं। उनके कंधे पर जनेऊ शोभा देता है।
Q.4- जानकी माता ने हनुमान जी को कौन सा वर दिया था?
सीता जी ने हनुमान को अष्ट सिद्धि और नौ निधि देने का वरदान दिया था। अर्थात हनुमान जी किसी को भी आठ सिद्धियाँ और नौ निधियां दे सकते हैं।
Q.5- अष्ट सिद्धि नव निधि क्या हैं, इन्हें कैसे प्राप्त करें?
अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के बारे में यहाँ पढ़े- Ashta Siddhi Nav Nidhi Meaning
Q.6- क्या महिलायें हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?
स्त्री, पुरुष या बच्चे सभी के लिए हनुमान चालीसा का पाठ शुभ फल देता है। लेकिन कहीं कहीं हनुमान जी को सिन्दूर चढाना और उनके पैर छूने के लिए स्त्रियों को निषेध किया गया है, क्योंकि हनुमान जी का चरित्र स्त्रियों को माता और बहन मानने वाला है।
Q.7- हनुमान चालीसा कब पढना चाहिए?
हफ्ते के सातों दिन हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। सुबह के समय पाठ करनाबेहतर है।
साधक को चाहिए कि पाठ करते समय उसका ध्यान केवल हनुमान जी पर केन्द्रित रहे, इसके लिए शारीर का स्वच्छ होना आवश्यक है। साथ ही भोजन करने के बाद चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए, क्योंकि भोजन के बाद शरीर में आलस आता है।
Q.8- हनुमान चालीसा के पहले शब्द श्रीगुरु का क्या मतलब है?
श्री का सन्दर्भ सीता माँ से है, जिन्हें हनुमान जी अपना गुरु मानते हैं।
हनुमान चालीसा के लाभ-
हनुमान जी का मन में ध्यान करके हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से मन में भक्ति भाव जाग्रत होता है जो सभी दुखों और संकटों को शांत करता है। हनुमान जी का नाम सुमिरन करने मात्र से भूत-पिशाच दूर हो जाते हैं।
नासै रोग हरै सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा।
जो हनुमान का जाप करता है, उसके सभी रोगों का नाश होता है और हनुमान उसकी सभी पीड़ा और कष्टों को हर लेते हैं।
संकट ते हनुमान छुड़ावै, मन कर्म वचन ध्यान जो लावै।
जो भी अपने मन से, वाणी से या कर्म से हनुमान का ध्यान करता है, हनुमान उसे संकटों से रक्षा करते हैं।
जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होई।38।
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा।39।
गोस्वामी जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं-
"जो इस चालीसा का सौ बार पाठ करता है, उसे परम आनंद की प्राप्ति होती है और वो इस संसार के बंधनों से मुक्त हो जाता है। जो इस चालीसा को पढता है उसे सिद्धि प्राप्त होती है, महादेव इसके साक्षी है।"
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